PM Modi का अमेरिकी दौरा, क्वाड समिट और टेक्नोलॉजी साझेदारी से भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सितंबर 2024 में अमेरिका दौरा कई महत्वपूर्ण राजनयिक और रणनीतिक सफलताओं के साथ संपन्न हुआ। यह दौरा 21 से 23 सितंबर तक चला, और इसका मुख्य उद्देश्य भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करना, वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को बढ़ाना, और अन्य प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना था। इस दौरे में क्वाड समिट (Quad Summit), संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भाषण, और अमेरिकी टेक्नोलॉजी लीडर्स के साथ बैठकों सहित कई प्रमुख कार्यक्रम शामिल थे।
क्वाड समिट की प्रमुख बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसका आयोजन 21 सितंबर 2024 को अमेरिका के डेलावेयर में हुआ। इस समिट का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देना था। भारत ने क्वाड कैंसर मूनशॉट प्रोग्राम के लिए $7.5 मिलियन का योगदान देने की घोषणा की, जो इस क्षेत्र में कैंसर के उपचार और रोकथाम के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, क्वाड ने MAITRI (Maritime Initiative for Training in the Indo-Pacific) नामक एक नई पहल की घोषणा की, जो इंडो-पैसिफिक देशों को समुद्री सुरक्षा और जागरूकता में प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
भारत-अमेरिका रक्षा, तकनीकी और जलवायु सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई बैठकों में रक्षा और तकनीकी सहयोग को और बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया। दोनों देशों ने मिलकर "इंडिया-यूएस डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम" (INDUS-X) की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य रक्षा और उभरती तकनीकों के क्षेत्र में सहयोग को गति देना है। इसके साथ ही, "इनीशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी" (iCET) के तहत दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर निर्माण में भी साझेदारी को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच समझौते हुए। भारत और अमेरिका ने स्वच्छ ऊर्जा और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए एक साथ काम करने का निर्णय लिया है। अमेरिका ने भारत की 2070 तक नेट ज़ीरो (Net Zero) उत्सर्जन हासिल करने की योजना का समर्थन किया है। दोनों देशों ने सौर ऊर्जा के विकास और हरित तकनीक के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर भी सहमति जताई।
भारतीय डायस्पोरा से संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में भारतीय डायस्पोरा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों में प्रवासी भारतीयों की भूमिका को सराहा। इस कार्यक्रम में लगभग 24,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने भारत के आर्थिक विकास और ग्लोबल स्टेज पर बढ़ती भूमिका का जिक्र करते हुए प्रवासियों से देश के विकास में योगदान देने की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण
23 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में "भविष्य का शिखर सम्मेलन" (Summit of the Future) को संबोधित किया। इस भाषण में उन्होंने वैश्विक शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने विकासशील देशों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और वैश्विक विकास में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला।
अमेरिका दौरे की प्रमुख सफलताएँ
इस दौरे को कई राजनयिक और रणनीतिक मोर्चों पर सफल माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के साथ भारत के रक्षा, प्रौद्योगिकी, और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरे के माध्यम से दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक नया रास्ता तैयार किया। इसके साथ ही, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी सहयोग की नई दिशाएँ खोली गईं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सफल साबित हुआ। दोनों देशों के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा, और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग ने इस दौरे को विशेष महत्व दिया। क्वाड समिट और संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रमुखता और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी भूमिका को और अधिक मजबूती मिली है।
इस दौरे ने न केवल भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा दी है, बल्कि वैश्विक समस्याओं के समाधान में भी भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रमाणित किया है।
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